पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, दीपम सेठ (भा0पु0से0) के दिशा निर्देशन व पुलिस महानिरीक्षक साईबएसटीएफ उत्तराखण्ड डॉ0 नीलेश आनन्द भरणे (भा0पु0से0) के निकट पर्य़वेक्षण में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर अपराध पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है ।*

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 नवनीत सिंह (भा0पु0से0)* द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे हैं। साइबर ठगों द्वारा *डिजिटल अरेस्ट* के माध्यम से *सीनियर सिटिजन्स* को निशाना बनाकर करोडों रुपये की धोखाधडी की जा रही है । इसी क्रम में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में माह अगस्त 2024 में एक प्रकरण प्राप्त हुआ जिसमें जनपद देहरादून निवासी एक 85 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक के साथ साइबर ठगों के द्वारा 4700000 रुपये की साइबर ठगी के मामले में साइबर थाने पर FIR नं0- 55/2024 धारा 318(4)/61(2) बीएनएस व 66-डी आईटी एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया । प्रकरण की गंम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन तथा सहायक पुलिस अधीक्षक श्री कुश मिश्रा (भा0पु0से0) के निकट पर्यवेक्षण में अभियोग की विवेचना निरीक्षक श्री देवेन्द्र नबियाल साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, गढ़वाल परिक्षेत्र, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । विवेचक के नेतृत्व में टीम गठित कर वरिष्ठ नागरिक के साथ डिजिटल अरेस्ट के उक्त प्रकरण को पुलिस महानिरीक्षक एस0टी0एफ0/साइबर द्वारा गम्भीरता से लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 को मामले का शीघ्र सफल अनावरण किये जाने हेतु एवं वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु कडे निर्देश दिये गये।
जांच में सामने आया कि अभियुक्त एवं उसके गिरोह ने पीड़ित से सम्पर्क कर स्वयं को मुंबई पुलिस और सीबीआई का अधिकारी बताकर पीड़ित को फोन किया और उसके विरुद्ध फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस एवं गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात कही। इसके बाद केस से नाम हटाने एवं खातों में जमा धनराशि का “वेरिफिकेशन” करने के नाम पर पीड़ित को बताए गए खातों में RTGS के माध्यम से ट्रांजैक्शन करवाकर कुल ₹ 47,00,000 जमा करवा लिए।

गठित पुलिस टीम के द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों, बैंक खातों, चैट्स एवं संबंधित डिजिटल माध्यमों की जानकारी हेतु बैंकों, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स, डोमेन होस्टिंग कंपनियों एवं मेटा कंपनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त करते हुये घटना के अनावरण हेतु ठोस प्रयास कर मास्टमाइण्ड अभियुक्त अनमोल पुत्र राम कुमार, निवासी चुधरीवाली आदमपुर, थाना आदमपुर, जिला हिसार (हरियाणा) को चिन्हित कर गिरफ्तारी के प्रयास किये गये *किन्तु अभियुक्त अत्यंत शातिर किस्म का अपराधी था व गिरफ्तारी से बचने के लिये लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा, जिस कारण पुलिस द्वारा अभियुक्त के ठिकानों पर कई दबिशें दिये जाने के बाद भी अभियुक्त की गिरफ्तारी सम्भव नहीं हो पायी फलस्वरुप मान0 न्यायालय द्वारा अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु गिरफ्तारी वारण्ट जारी किया गया एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 के द्वारा माह जुलाई 2025 में अभियुक्त के विरुद्ध 15000/- रुपये का इनाम घोषित कर अभियुक्त की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिये गये*। आखिरकार लगभग *07 माह की कडी मशक्कत के बाद* पुलिस टीम उक्त शातिर इनामी अपराधी की गिरफ्तारी में सफल हुई। उक्त ईनामी अपराधी की गिरफ्तारी हेतु पूरी उत्तराखण्ड पुलिस कर रही थी प्रयास ।
*गिरफ्तार ईनामी अपराधी*-
1- अनमोल पुत्र राम कुमार निवासी चुधरीवाली आदमपुर, थाना आदमपुर, जिला हिसार (हरियाणा) उम्र करीब 20 वर्ष।
*गिरफ्तारी ईनाम*
15000/-
*गिरफ्तारी पुलिस टीम*-
1- निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल
2- अ0उ0नि0 मुकेश चन्द
3- हेड का0 दिनेश पालीवाल

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि अन्जान नम्बरों से आने वाली वीडियो कॉल से बात न करें, न ही कोई सूचना/दस्तावेज दें । यदि कोई आपको पुलिस, सीबीआई, ईडी आदि का अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट करने को डराये धमकाये तो घबरायें नहीं, कोई भी एजेन्सी ऑनलाईन गिरफ्तार नहीं करती है । किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों / फर्जी साईट / धनराशि दोगुना करने के प्रलोभनों में न आयें । साथ ही फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें । गूगल से कोई भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें । तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर या cybecrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।*
