Hello…….. This side, HR head of IBM company, this is your interview call for data entry post… अगर आपको कोई ऐसी कॉल आती है, तो हो जायें सतर्क-वर्ना हो सकती है आपसे साईबर ठगी,देशभर में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले साईबर ठगों के गिरोह का एसटीएफ ने किया भण्डाफोड़,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उत्तराखण्ड एसटीएफ की साईबर ठगों को स्पष्ट चेतावनी-उत्तराखण्ड से अगर साईबर अपराध करने की सोची तो किये जायेगे नेस्तनाबूत,आईबीएम, एचसीएल, टेक-महेन्द्रा, एमेजॉन जैसी दिग्गज कम्पनियों के नाम पर बेरोजगार यूवकों को फर्जी जॉब ऑफर लेटर देकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर की जाती थी साईबर धोखाधड़ी- इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरप्तार कर उनसे 02 लैपटॉप, 07 प्रिएक्टिव सिम कार्ड, 12 एटीएम कार्ड, 07 मोबाईल फोन, 02 पासबुक, 05 बैंकों की चैक बुक, 04 वॉकी टॉकी सेट किये गये बरामद,गिरोह के सदस्यों ने ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों तेलांगना, आन्ध्राप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के राज्यों के बेरोजगार नौजवानो के साथ की जा रही थी साईबर धोखाधड़ी,सहारनपुर-देहरादून मुख्य रोड पर बाबाजी ट्रांसपोर्ट की आड़ में चल रहा था साईबर कॉल सेन्टर,गृह मंत्रालय के 14C के विभिन्न वेब पोर्टलों की सूचना पर उत्तराखण्ड एसटीएफ ने की बड़ी कार्यवाही।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि आईबीएम, एचसीएल, टेक-महेन्द्रा, एमेजॉन जैसी दिग्गज कम्पनियों के नाम पर बेरोजगार युवकों को फर्जी ‘जॉब ऑफर लेटर’ देकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर साईबर धोखाधड़ी की घटनायें की जा रही है। जिसमें संलिप्त कुछ साईबर ठग जनपद देहरादून से इस गिरोह को संचालित कर रहे हैं। जिसके दृष्टिगत एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा गृह मंत्रालय के 14C के विभिन्न वेब पोर्टलों का अवलोकन करने पर पाया कि दिग्गज कम्पनियों के नाम पर बेरोजगार युवकों को फर्जी जॉब ऑफर लेटर देकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर धनराशी लेने वाले साईबर ठगों के कुछ संदिग्ध मोबाईल नम्बर वर्तमान में थाना पटेलनगर क्षेत्र, जनपद देहरादून क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय हैं|* जिससे यह स्पष्ट हो गया कि थाना पटेलनगर जनपद देहरादून क्षेत्र में रहकर कोई साईबरों ठगों का गिरोह भिन्न-भिन्न मोवाईल नम्बरों से देश भर में कई बेरोजगार युवकों के साथ साइबर ठगी की घटनाओं को कर रहा है। इस पर मेरे द्वारा अपनी *एसटीएफ की टीम को गहनता से जांच करने एवं इस गिरोह को चिन्हित करते हुये ठोस कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इस ‘जांच के दौरान विभिन्न मोबाईल नम्बरों के डेटा का विश्लेषण किया गया साथ ही प्रकाश में आये कई संदिग्ध बैंक एकाउंटस के लेन देन का विवरण चैक किया गया तो पाया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में देशभर के करीब हर राज्य से अलग अलग लोंगो द्वारा प्रतिदिन 2500 से 30 हजार रूपये की किस्तों में लाखों रूपये जमा किये जा रहे हैं।* प्रथम दृष्टया प्रकाश में आये संदिग्ध 05 बैंक खातों में ही पिछले 02 माह में लाखों रूपये जमा किये गये और निकाले गये थे। *इन खातों में देशभर के लगभग सभी राज्यों से पैसें जमा किये गये थे ‘विशेषकर भारत के दक्षिणी राज्य तेलंगना, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक से ज्यादा धनराशि जमा की जानी पायी गयी।’ इस सम्बन्ध में प्रथम दृष्टया दक्षिण भारत के राज्यों में ऑन लाइन ठगी की घटनाओं का सरसरी विश्लेषण किया गया तो 1930 पोर्टल पर कई ऐसी शिकायतें मिली हैं जिनसे ‘बेरोजगार युवकों के साथ उन्हे किसी दिग्गज कम्पनी में नौकरी के लिये इन्टरव्यू लेकर जॉब ऑफर लेटर देकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर ठगी की जा रही थी।* जिनमें से अभी तक हमें 25 शिकायतें तेलंगना, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्य में दर्ज पायी गयी हैं इनके अभी और भी घटनायें प्रकाश में आयेंगी। ठगी की इन घटनाओं में सम्बन्धित गिरोह थाना पटेलनगगर क्षेत्र, देहरादून में रहकर यह गिरोह संचालित कर रहे थे।

> *वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर द्वारा आगे बताया कि* इस गिरोह के सम्बन्ध में यह जानकारी पुख्ता तो हो गयी थी कि यह गिरोह पटेलनगर क्षेत्र में रह रहा है परन्तु यह गिरोह कहां से संचालित हो रहा है उसके बारे में जानकारी नहीं हो पा रही थी क्योंकि इस गिरोह के सदस्यों द्वारा केवल फर्जी सिम को इस्तेमाल किया जा रहा था और उसमें तकनीक का प्रयोग करके अपने लोकेशन को कहीं दूर दिखाया जा रहा था, इस पर *एसटीएफ टीम को एक सटीक कार्ययोजना बनाकर पिछले 15 दिनों से पटेलनगर क्षेत्र में ही रहकर इस गिरोह के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिये निर्देश दिये गये जिसके परिणाम स्वरूप इस गिरोह के दो सदस्यों को मुख्य सहारनपुर देहरादून मार्ग में स्थित बीजीटीसी बाबाजी ट्रांसपोर्ट कम्पनी के कार्यालय, थाना पटेलनगर क्षेत्र से गिरप्तार करने में सफलता प्राप्त हुयी उनके कब्जे से 02 लैपटॉप, 07 प्रिएक्टिव सिम कार्ड, 12 एटीएम कार्ड, 07 मोबाईल फोन, 02 पासबुक, 05 बैंकों की चैक बुक, 04 वॉकी-टॉकी सेट बरामद की गयी है।’ इस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में एसटीएफ द्वारा अभी भी पतारसी कर तलाश की जा रही है।*

 

▶ *गिरप्तार किये गये अभियुक्तों के नाम-*

 

1- ईश्विंदर शेरगिल पुत्र आर०एस० गिल नि० म०न० 89 गाँधी ग्राम पटेल देहरादून उम्र करीब 30 वर्ष।

 

2- विवेक रावत पुत्र श्री विजय सिंह रावत नि० मढाली, लैन्स डाउन, पौडी गढ़वाल वर्तमान आई० 8-90 जैदपुर, बदरपुर, नई दिल्ली, उम्र करीब 32 वर्ष।

*गिरप्तार अभियुक्तों से पूछताछ का संक्षिप्त विवरण-* वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर द्वारा बताया गया कि अभियुक्तों से पूछताछ से पता चला कि इस गिरोह का मुख्य सरगना ईश्विंदर शेरगिल उर्फ सन्नी है जो अपने साथ इस कार्य को करने के लिये विवेक रावत को लाया था। *ईष्विन्दर सिंह उर्फ सन्नी वर्ष 2019 में साईबर ठगी में ही थाना बसन्तकुंज दिल्ली से जेल गया था।* छूटने के बाद साईबर कॉल सेन्टर में फिर कार्य करने लगा था वहां इसकी मुलाकात विवेक रावत से हुयी थी। फिर इन दोनों यहां देहरादून आकर अपना कार्य शुरू कर दिया। पूछताछ में ईष्विन्दर उर्फ सन्नी ने बताया कि देहरादून में *उसके द्वारा B-G-T-C- BABA G TRANSPORT COMPANY तथा sunny foundation के नाम का एन०जी०ओ० और वहां पर तीन चार लड़को के साथ विवेक रावत को साईबर फॉड के कार्य के लिये लगा दिया और देश के दूर के अलग अलग राज्यो में मोबाईल कॉल कर बेरोजगार युवक / युवतियों को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में नौकरी लगाने का झांसा देकर पैसा ठगे जाने का कार्य करने लगा।* उसको ठगी के लिये बेरोजगार युवकों का डाटा दिल्ली निवासी एक व्यक्ति के द्वारा विशेषकर दक्षिण भारतीय बेरोजगार *युवक/युवतियों का डाटा, 1000 रूपये तथा एक प्री-एक्टिवेटिड सिम का 800 रू० देकर खरीदा जाता था।* इस *डाटा में छात्रों का नाम, मोबाईल नम्बर, ईमेल आईडी, एडूकेशन, की-स्किल और वो किस इण्डस्ट्री में कार्य करने के इच्छुक हैं, उनके फोन नम्बर के साथ पूरा विवरण प्राप्त किया जाता था।* जिसके पश्चात ही उन्हें विभिन्न कम्पनियों जैसे महेन्द्रा टेक, सिप्पला, आई०बी०एम०, एच०सी०एल० आदि में नौकरी में सैलेक्शन किये जाने के नाम पर कॉल किया जाता फिर *बकायदा उन ऑनलाइन टेस्ट लिया जाता, जिसमें उनको बताया जाता कि वो ऑनलाइन टेस्ट में पास हो गये हैं* और उनका सलेक्शन हो गया है, फिर उन्हे सम्बन्धित कम्पनी की ओर जॉब लेटर ऑफर किया जाता है। फिर उनसे विभिन्न प्रकार की प्रोसेसिंग फिस, मेडिकल परीक्षण फीस के नाम पर 250 से शुरू होकर 20-30 हजार की रकम अलग अलग फर्जी खातों में जमा करके एटीएम के माध्यम से निकाल दी जाती है। एक खातें का उपयोग 04-05 लाख रूपये के लिये किया जाता है फिर उन्हें बन्द कर दिया जाता है। इसके अलावा अभियुक्त से पूछताछ में काफी साईबर ठगों की जानकारी हुयी है, जिन पर एसटीएफ शीघ्र ही कार्यवाही सुनिश्चित करेंगी।

*अपील- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर द्वारा युवकों को जागरूक करने और भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए ऑन लाइन जॉब पोर्टल पर अपना डाटा देते समय सतर्कता बरतने की अपील की गई है तथा किसी भी संदिग्ध मोबाईल नम्बर और ऐसी घटना के बारे में सूचना तत्काल 1930 पर देने का आग्रह किया है।*

*एसटीएफ की टीम- पुलिस टीम का विवरण-*

1. निरीक्षक नन्दकिशोर भट्ट, उ0नि0 विपिन बहुगुणा, उ0नि0 राजीव सेमवाल, अ०उ०नि० देवेन्द्र भारती, हे0कां0 प्रमोद पंवार, हे0कां0 देवेन्द्र मंमगाई, हे0का0 संदेश यादव, का0 रवि पंत, का0 कादर खान, कां शेलेष भट्ट, कां0 सौरभ रावत।

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