इस अवसर पर माननीय मंत्री जी ने उपस्थित प्रवासी समाज के अपनी जड़ों से जुड़े रहने की इस पहल की ज़ोरदार सराहना करते हुए आयोजन संस्था की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। राज्य के धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या हमारे सार्वभौमिक प्रयास का प्रतिफल हैं। उन्होंने प्रवासी समुदाय को राज्य के विकास में योगदान का आह्वान किया।
इस अवसर पर उपस्थित विशाल जन-समुदाय के समक्ष संस्था की स्मारिका – 2024 “उत्तरायण” का माननीय मंत्री जी के कर कमलों से विमोचन हुआ। आयोजन संस्था ने विभिन्न भाषाओं की तर्ज़ पर उत्तराखंड राज्य की भाषाओं के उत्थान व राज्य की संस्कृति को स्थानीय बोली -भाषा में सम्पूर्णता तक स्थापित करने की मांग दोहराई।
आयोजन संस्था द्वारा इस अवसर पर माननीय मंत्री जी का अभिनन्दन कर उनकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया गया। इस मौके पर आयोजन संस्था के अध्यक्ष जितेन्द्र देवलियाल जी को माननीय मंत्री जी के कर-कमलों से सम्मानित किया गया व एक सफल कार्यक्रम के लिए उन्हें व आयोजन समिति की सराहना की गई। उत्तराखंड मूल की रामेश्वरी ‘नादान’ को बाल कहानी संग्रह की उनकी कृति “दादी मां की पोटली” के लिए सम्मानित किया गया।
भाषा संरक्षण व इसके निरन्तर उत्थान के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा कि इस दिशा में रचनात्मक सहयोग एवं सुझावों का सदैव स्वागत है।