उत्तराखण्ड को विश्व का सर्वश्रेष्ठ योग गंतव्य बनाने के लिए नई योग नीति शीघ्र लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पंचकर्मा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। राज्य में जड़ी बूटियों के उत्पादन को और बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए आयुष विभाग उद्यान और वन निगम से समन्वय कर संग्रह और विपणन की उचित व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों तक आयुष चिकित्सा की उपलब्धता पर ध्यान दिये जाने की जरूरत बताते हुये कहा कि आयुष के क्षेत्र में निजी भागीदारी के साथ गुणवत्ता युक्त आयुष चिकित्सालयों की स्थापना पर भी ध्यान दिया जाय। आयुष के क्षेत्र को बढावा देने के लिये जडी़ बूटी कृषकों के उत्पादों के विपणन के लिये उचित प्लेटफार्म की व्यवस्था बनाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये। स्कूली छात्रों को आयुष संबंधी जानकारी दिये जाने के लिये आयुर्विधा कार्यक्रमों के संचालन में तेजी लाये जाने के प्रयासों की जरूरत बताते हुये उन्होंने सभी स्कूलों में इसकी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने तथा आयुष नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में भी शीघ्रता के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने आयुष के क्षेत्र में बेहतर कार्य संचालन के लिये वेलनेस केन्द्रों की स्थापना, आयुष सेवाओं के प्रमाणीकरण तथा आयुष चिकित्सकों एवं फार्मशिस्टों को प्रसिद्ध आयुष विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा। इससे आयुष चिकित्सा को जनता से जोडने में मदद मिलेगी।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में आयुष नीति लागू की गई है। इसमें वेलनेस, स्वास्थ्य, आयुष उत्पादन, आयुष शिक्षा और शोध एवं औषधीय पादपों की खेती से संबंधित प्राविधान किये गये हैं। नीति में उच्च गुणवत्ता युक्त आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उत्पादन को प्रोत्साहन किये जाने, गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज (जीएपी) के अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन किये जाने की अनिवार्यता, ड्रोन आधारित नवीनतम तकनीक का प्रयोग, पीपीपी मोड पर कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, औषधीय पादपों के विक्रेताओं (कृषकों, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं) तथा क्रेताओं (औषध-निर्माताओं) को एक मंच पर लाए जाने हेतु ऑनलाइन प्लेटफार्म की स्थापना, औषधीय पादपों के लिए ‘एश्योर्ड बाय-बैक’ योजना, राज्य में अग्रणी निर्माताओं एवं प्रतिष्ठित विपणन एजेंसी के सहयोग से उत्तराखंड में उगाए जाने वाले प्रमुख औषधीय पादपों की ब्रांडिंग के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश शामिल किये गये हैं।
आयुष नीति में नवीनतम एमएसएमई नीति तथा मेगा औद्योगिक व निवेश नीति आयुष विनिर्माण इकाइयों पर भी लागू की गई है। सभी आयुष विनिर्माण इकाइयों के लिए 10 प्रतिशत तक अतिरिक्त पूंजीगत सहायता, आयुष उत्पादों की गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए राज्य के 2-3 महत्वपूर्ण स्थानों पर सामान्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना को प्रोत्साहन, आयुष उत्पादों हेतु आयुष प्रीमियम मार्क/आयुष स्टैंडर्ड मार्क प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है। इस नीति में आगामी 5 वर्षों में एनएबीएच से प्रत्यायन प्राप्त करने वाले प्रत्येक आयुष चिकित्सालय/आयुष हेल्थकेयर क्लिनिक को एनएबीएच से प्रत्यायन प्राप्त करने हेतु निर्धारित शुल्क की प्रतिपूर्ति, आयुष टेलीकंसल्टेशन ऐप प्रारंभ किए जाने की योजना शामिल की गई है।
आयुष के क्षेत्र में राज्य पर्यटन नीति, 2023 के माध्यम से वेलनेस रिसोर्ट, आयुर्वेद / योग/ नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 50 प्रतिशत तक की पूंजीगत सहायता तथा श्रेणी बी और श्रेणी सी क्षेत्रों में स्थापित होने वाले वेलनेस केंद्र, आयुर्वेद / योग/ नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 5 प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजीगत सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। आयुष शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आयुष कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से निर्धारित मानकों को पूर्ण करने वाले आयुष कॉलेजों को 15 लाख तक की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं आयुष विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।