आज प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने मुख्य सेवक सदन,देहरादून में ‘विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस’ के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य की किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुविधा की तरफ एक रचनात्मक पहल “मेरी सहेली” सैनेटरी नैपकिन पैड वैंडिंग मशीन कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी जी के साथ मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की जहां कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित महिला चिकित्सकों ने बालिकाओं को माहवारी में क्या करना चाहिए और क्या नही के बारे में जानकारी दी। साथ ही बालिकाओं व महिलाओं में माहवारी से संबंधित फैली भ्रांतियों के बारे में बताया।वहीं कार्यक्रम में उपस्थित कई बालिकाओं ने माहवारी से संबंधित अपने विभिन्न प्रश्न किये जिनके जवाब डॉक्टर्स द्वारा उन्हें दिए गए साथ ही माहवारी को लेकर उनके मन मे फैली भ्रांतियां को भी दूर किया।
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने माहवारी के ऊपर अपने विचार रखे।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह एक अच्छी पहल की जा रही है कि अब बालिकाओ को सेनेटरी नेपकिन सार्वजनिक स्थानों पर मिल सकेंगी।उन्होंने कहा कि आज से पूर्व माहवारी के बारे में लोगो मे जागरूकता नही थी ।लोगो मे इसे लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई थी लेकिन अभी भी समय अवश्य बदला है किंतु वह विचारधारा पूरी तरह से नही बदली है।कहा कि यह प्रकर्ति की देन है हमे इसे स्वीकारना चाहिए।उन्होंने कहा कि हमे जागरूकता बढ़ाने के साथ ही बच्चों को शुरू से ही माहवारी के प्रति तैयार करना चाहिए।
पांच रुपये में प्राप्त होंगी 2 सैनेटरी नैपकिन, पूरे प्रदेश में लगाई जाएंगी 8 हजार मशीनें-रेखा आर्या
वही मुख्य अतिथि और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं की झिझक और स्वास्थ्य जागरूकता को ध्यान में रखते हुए सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाने की यह पहल की है।लड़कियों में सैनिटेशन, हेल्थ अवेयरनेस बढ़ाने और उनकी झिझक मिटाने के लिए यह कोशिश की जा रही है।कहा कि स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्रों अस्पताल समेत लड़कियों और महिलाओं की पहुंच वाले क्षेत्रों में ये नैपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।इन सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन से पांच रुपये में दो सैनेटरी नैपकिन प्राप्त की जा सकती हैं और पूरे प्रदेश में ऐसी 8 हजार मशीनें लगाई जाएंगी।कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आज भी इस संबंध में महिलाएं खुलकर बात नहीं करती हैं। किशोरी एवं महिलाओं माहवारी के समय घरेलू कपड़े का उपयोग करती हैं जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं है। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।कहा कि इस मशीन द्वारा तैयार किए गए सेनेटरी पैड का उपयोग सुरक्षित है।
*मासिक धर्म के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करना है जरूरी, जागरूकता की है आवश्यकता-रेखा आर्या*
विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारे देश मे मासिक धर्म के सम्बन्ध में चर्चा करने में आज भी कई जगहों पर बालिकाएं और महिलाएं झिझकती हैं, ऐसे में इस दौरान उन्हें क्या एहतियात बरतने चाहिए, वे नहीं जानती। इस तरह से वे खुद के स्वास्थ्य को खतरे में डाल देती हैं।कहा कि मासिक धर्म के समय स्वच्छता बनाए रखने के लिए और खुद को किसी भी तरह के इफेक्शन से दूर रखने के लिए आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। कई गांवों व छोटे शहरों में आज भी महिलाएं मासिक धर्म में कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। साथ ही आज भी मासिक धर्म पर स्वच्छता का अभाव देखने को मिलता है जिसकी वजह से कई तरह के संक्रमणों का खतरा बना रहता है। इन सभी मुद्दों पर अधिक से अधिक जागरूकता की आवश्यकता है क्योंकि किसी भी देश का विकास महिलाओं के विकास के समानुपाती होता है और देश के विकास का सबसे महत्वपूर्ण सूचक महिलाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य ही है।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि मा० मुख्यमंत्री जी के द्वारा दिनांक 09 नवम्बर 2021 को जनपद देहरादून में राज्य स्तरीय घोषणा “जी रैया चेली-जागी रैया नौनी” की गयी, जिसमें बालिकाओं, किशोरियों एवं महिलाओं को उनके घर के ही निकट नैपकिन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में सैनेटरी नैपकिन वैण्डिंग मशीन की स्थापना किये जाने की घोषणा कही गयी।
इस घोषणा के क्रम में मुझे यह कहते हुए अत्यत गर्व एवं हर्ष की अनुभूति हो रही है कि इस घोषणा के अंतर्गत मा० मुख्यमंत्री जी के विशेष प्रयासों से प्रथम चरण में रू0 10.00 करोड़ की धनराशी अवमुक्त की गयी, जिसके सापेक्ष आज ‘विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस’ के सुअवसर पर उत्तराखण्ड राज्य की किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुविधा की तरफ एक रचनात्मक पहल करते हुए “मेरी सहेली सेनेटरी नेपकिन पैड वैण्डिंग मशीन” कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। जिसके तहत प्रथम चरण में ही पूरे उत्तराखण्ड राज्य के आगनवाडी केन्द्रों के साथ ही महिला आई०टी०आई०, महिला पॉलीटेक्निक, कक्षा 09 से 12 तक के बालिका एवं सह शिक्षा विद्यालय, स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उच्च शिक्षा संस्थान, बालिका छात्रावास (सभी सरकारी एवं गैर सरकारी) जैसे स्थलों / केन्द्रों में आदि में कुल 8000 सैनेटरी नैपकिन मशीन की स्थापना की जायेगी,जिससे प्रत्यक्ष रूप से राज्य भर की लाखों बालिकाओं एवं महिलाओं को लाभ प्राप्त होगा।
इस अवसर पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनु सचिव सतीश कुमार सिंह,उपनिदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विक्रम सिंह, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी, उप मुख़्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता,स्वास्थ्य निदेशालय के प्रतिनिधि,CDPO, सुपरवाइजर आंगनवाड़ी कार्यकर्ती,बालिकाएं और समस्त विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।